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21 मई को सर्वार्थ सिद्धियोग में पहला बड़ा मंगल, जाने इसके महत्व और विशेषता के बारे में..

May 20 2019

Posted By:  AMIT

शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ का महीना शुरु हो चूका है और इस बार ज्येष्ठ माह का पहला बड़ा मंगल 21 मई को होगा, ज्येष्ठ का महीना 19 मई से 17 जून तक रहेगा | ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक इस दौरान इसमें 4 बड़े मंगल पड़ेगे, 21 मई को पहला मंगल, दूसरा मंगल 28 मई को और इसके अलावा 4 और 11 जून को बड़ा मंगल पड़ेगा इस बार बड़ा मंगल सर्वार्थ सिद्धियोग में रहने से सबसे बड़ा शुभ योग बनेगा | बड़ा मंगल में भगवान हनुमानजी की विशेष रूप से पूजा-आराधना की जाती है हनुमान भगवान शिवजी के 11 वें रुद्र अवतार है और आज भी इस कलयुग में हनुमाजी सशरीर धरती पर भ्रमण कर रहे है, बड़ा मंगल पर हनुमानजी की पूजा-पाठ और व्रत रखने से घर पर सुख-सम्पदा का वास होता हैं | 


21 मई पहला बड़ा मंगल- इस दिन चन्द्रमा धनु राशि में विराजमान रहेगा, जो मंगल की मित्र राशि है वहीं बृहस्पति देव गुरु हैं | जो धर्म की रक्षा करते है इससे हर इंसान का सर्वत्र कल्याण होता है, सिद्ध योग होने से हर कार्य में सफलता मिलेगी और वहीं ज्येष्ठ के बड़े मंगल की शुरुवात काफी शुभ व सफलदायक रहेगी | 

28 मई दूसरा बड़ा मंगल- वहीं 28 मई को दूसरा बड़ा मंगल पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में रहेगा, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र स्वामी गुरु है जिसका खास प्रभाव रहेगा | इससे आपके जीवन में खुशहाली और कभी किसी चीज की कमी नहीं रहेगी | 

4 जून तीसरा बड़ा मंगल- शास्त्रों के अनुसार तीसरा बड़ा मंगल 4 जून को शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के साथ मृगशिरा रहेगा, मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी मंगल हैं | जो सबका मंगल करता है जोकि मनुष्य के लिए एक शुभ संकेत है यह योग भी बहुत शुभ और मंगलकारी माना जाता हैं | 

11जून चौथा सबसे बड़ा मंगल- चौथा मंगल 11 जून में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के साथ कर्क राशि रहेगी और इस दिन सिद्ध योग भी रहेगा, इस बार ज्येष्ठ के चारों मंगल शुभ योग में पड़ रहे हैं | 

ज्येष्ठ बड़ा मंगल के महत्व
आपको पता है मंगलवार का दिन हनुमानजी का माना जाता है मंगलवार का उपवास रखने से हनुमानजी जीवन की सारी बाधाओं और परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है, बड़ा मंगल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ बड़े धूम-धाम के साथ मनाया जाता है यहां के सारे हनुमाजी के मंदिरों में विशेष रूप से तैयारी की जाती हैं | 


उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बड़ा मंगल मनाने के पीछे मान्यता है कि लखनऊ के नवाब सहादतअली खां के बीमार होने पर हनुमाजी से मन्नत मांगी थी | जिसे पुरे होने पर अलीगंज का पुराना मंदिर बनवाया था इस मंदिर के ऊपर आज भी चाँद का निशान बना हुआ हैं | 

शास्त्रों कि मान्यता के अनुसार लखनऊ के जाटमल व्यापरी ने स्वयं भगवान हनुमान जी की प्रतिमा से मन्नत मांगी थी कि अगर उनका इत्र और केसर बाजार में बिक जायेगा तो वह हनुमानजी का भव्य मंदिर बनवाएगा | इसके बाद ही नवाब वाजिद अली शाह ने केसरबाग बसाने के लिए जाट से इत्र और केसर खरीद लिया था मन्नत पूरी होने पर जाटमल ने अलिकगंज के नए हनुमान मंदिर में हनुमानजी की नई प्रतिमा बनवाई थी तब से ज्येष्ठ का हर मंगलवार बड़े मंगल के रूप में जाना जाता है या मनाया जाता हैं
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